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होनहार अफसरों को ईमानदारी के बदले मिली सजा

होनहार अफसरों को ईमानदारी के बदले मिली सजा

ये कैसा खेल है, जिसमें ईमानदारी भी गुनाह की तरह देखी जाती है. जिस ईमानदारी के लिए अफसरों को दाद मिलनी चाहिए, वहां कायदे कानूनों की रखवाली के बदले उन्हें सजा मिलती है. किसी को ट्रांसफर तो किसी को सस्पेंशन के रूप में. इस गुनाह के बदले कईयों को बरसों तक प्रमोशन नहीं मिलता. ये कहानी सिर्फ दुर्गा शक्ति की नहीं, बल्कि देश के कई होनहार अफसरों की है.

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