चार लोकसभा और दस विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने विपक्ष को संजीवनी दे दी है. कांग्रेस समेत विपक्ष के तमाम दलों को ये लगने लगा है कि अगर मिलकर लड़े तो बीजेपी का मजबूत किला भी गिराया जा सकता है. अगर बीजेपी के एक उम्मीदवार के सामने विपक्ष एक ही उम्मीदवार उतारे तो 2019 का गणित बदला जा सकता है. यानी विपक्ष को लगता है कि सबका साथ रहा तो प्रधानमंत्री मोदी को मात दे सकते हैं.