पाकिस्तान में कोरोना के बढते आंकड़े बेहद डराने वाले हैं और इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि ये आंकड़े इसके बावजूद हैं कि वहां टेस्ट ना के बराबर हो रहे हैं. यानि पाकिस्तान के असली हालात से दुनिया नावाकिफ है. फिर भी इमरान सरकार के पास ना कोई पुख्ता प्लान है, ना ही बाकी दुनिया के हालात से सबक सीखने की कोई ललक. माना गरीबी और गुर्बत की वजह से कुछ तो उसकी मजबूरियां हैं, बाकी बेड़ागर्क करने में उसके हुक्मरान कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पाकिस्तान में हालात तेजी से हुकूमत के हाथों से फिसल रहे हैं. खुद प्रधानमंत्री इमरान खान समेत कई नेता पहले ही ये आशंका जाहिर कर चुके हैं कि महीने भर के अंदर ही पाकिस्तान में कोरोना संकट और गहरा सकता है. लेकिन कहने और करने का फर्क देखिए. कहने को देश भर में लॉकडाउन 9 मई तक बढ़ा दिया गया है. लेकिन धार्मिक आधार पर कई तरह की ढील दी जा रही हैं.