अगर अपने ही भटक जाएं, खून-खराबे पर उतर आएं, बच्चों के सर से मां-बाप का साया छीन लें और उनके बीच जाकर उन्हें समझाना हो तो कैसे समझाएं. नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के दौरे पर गए पीएम मोदी के सामने ऐसी ही चुनौती थी और प्रधानमंत्री ने इसके लिए नायाब रास्ता ढूंढा. जो बच्चों के मासूम दिलों से गुजरता है.