मश्कोह घाटी में 16 हजार से ऊंची चोटी प्वाइंट 4875 जिसपर पाकिस्तानी घुसपैठिये बंकरों में भारी गोला बारुद के साथ जमे बैठे थे. 6 जुलाई 1999 की शाम इस चोटी से दुश्मन को खदेड़ने के लिये सेना कहर बनकर टूटने को तैयार हो चली थी औऱ आज तक की टीम इस जंग अपने कैमरे में कैद करने के लिये मैदान में डटी थी.