अब राजनीतिक दलों को भी अपना हिसाब-किताब देना होगा. जी हां, देश की सभी पार्टियों को अब सूचना के अधिकार एक्ट (आईटीआई) के तहत लाया जाएगा. एक अपील पर सुनवाई के बाद केंद्रीय सूचना आयोग यानी कि CIC ने यह आदेश दिया है.