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भगवद्गीता पर चढ़ता सियासी रंग

भगवद्गीता पर चढ़ता सियासी रंग

महाभारत काल में रची गई गीता आज के दौर में कितनी सार्थक है? ग्रन्थ के तौर पर इसे माना तो जाता है भारतीय दर्शन का संपूर्ण सत्य, मगर इस पर आज सियासी रंग क्यों चढ़ता दिख रहा है? ये सवाल उठ रहे हैं श्रीमदभगवत गीता की 5151वीं जयंती पर हो रहे समारोह को लेकर. दिल्ली में समारोह का उदघाटन संघ प्रमुख मोहन भागवत करने वाले हैं.

politics over bhagvad gita and mohan bhagwat

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