राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि संसद चर्चा, असहमति और निर्णय से चलनी चाहिए, न कि बाधा उत्पन्न की जानी चाहिए. प्रणब ने कलकत्ता विश्वविद्यालय शताब्दी हॉल में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की याद में अपने संबोधन में कहा, ‘तीन डी हैं जिनसे संसद चलती है. ये हैं-- डेबेट (चर्चा), डिसेंट (असहमति) और डिसीजन (निर्णय).’