राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फांसी की सज़ा पाए 9 गुनहगारों की दया याचिका पर फैसला सुना दिया है. ये सभी 9 सजायाफ्ता मुजरिम 7 अलग-अलग मामलों में दोषी पाए गए थे. इनमें से पांच मामलों में राष्ट्रपति ने फांसी की सजा बरकरार रखी है. जबकि दो मामलों में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है.