रेलवे की सूरत सुधारने में लगा रेल मंत्रालय बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है. मंत्रालय यात्री गाड़ियों की सेवाएं अब निजी क्षेत्र को सौंप सकता है. आने वाले समय में राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों को चलाने का जिम्मा निजी कंपनियों को मिल सकता है. ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने के पीछे तर्क यह है कि इससे प्रीमियम ट्रेनों की यात्री सुविधाओं में इजाफा होगा. इस तरह से रेलवे के कमर्शियल ऑपरेशन में निजी क्षेत्र बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा, जब रेलवे इन ट्रेनों का परमिट टेंडर के आधार पर किसी ऑपरेटर को देगा तो रेल के डिब्बे और इंजन की जिम्मेदारी रेलवे की रहेगी.