सियासत में दोस्ती-दुश्मनी के रिश्ते तो बदलते ही रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में खून के रिश्ते भी बदलने लगे हैं. कल तक बाल ठाकरे अपने भतीजे राज ठाकरे के गुरु हुआ करते थे, लेकिन आज उन्हें राज को यह याद दिलाना पड़ रहा है कि मराठी राजनीति के मामले में 'मैं तुम्हारा बाप हूं'.