राज ठाकरे ने एक बार फिर मर्यादा तोड़ डाली. मराठी मानुष पर बोलते-बोलते वो ये कह गए कि अगर कभी महाराष्ट्र को देश से अलग करने की मांग उठी, तो इसके जिम्मेदार वो नहीं होंगे. अब अभी इस अलगाव के राग का क्या मतलब है?