जिस वक्त देश आजादी के सत्तर साल का जश्न मना रहा था. उस वक्त एक महिला को बेकाबू भीड़ जुल्मों की रस्सियों से जकड़कर बुरी तरह पीट रही थी. महिला चीखती रही. दूसरी महिलाएं उसे पेड़ से बांधकर मारती रहीं और सिपाही सबकुछ देखता रहा.