राजस्थान में सचिन के बागी तेवर के बाद सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी. इस बीच 24 घंटे में काफी कुछ बदला. एक वक्त लगा कि गहलोत की सरकार चली जाएगी. कभी ऐसा भी समय आया कि पायलट कांग्रेस का खेल खराब कर देंगे. एक तरफ जयपुर में सियासी गोटियां बिछाई जा रही थी तो दूसरी तरफ दिल्ली में पायलट को लेकर कयासों का बाजार भी गर्म रहा था. रेगिस्तान में दिखनेवाली मृगमरीचिका सियासत में भी दिख रही है, कांग्रेस इसी में फंस गयी है. पायलट और गहलोत खेमे के ज्वार को ठंडा करने का दौर अब भी जारी है. इस तरह के संकट कांग्रेस के सामने मध्यप्रदेश में भी आए थे जब कमलनाथ और सिंधिया आमने-सामने थे. लेकिन वहां सिंधिया ने बाजी पलट दी तो कांग्रेस की सरकार चली गयी. कांग्रेस मध्य प्रदेश वाली गलती नहीं दोहराना चाहती है. देखें ये रिपोर्ट.