त्रिपुरा में रूसी क्रांति के महानायक ब्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुल्डोजर से तोड़ा गया. इसके बाद तमिलनाडु में दलित विचारक पेरियार की मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया. अब खबर आ रही है कि दक्षिण कोलकता में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. सवाल उठता है कि इन सब से हासिल क्या होगा?