सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन सुरक्षाकर्मियों पर है, ड्यूटी के दौरान जब उन्हें पेट भर खाना न मिलने की खबरें आती हैं, तो बड़ी तकलीफ होती है. बीएसएफ के जवान तेजबहादुर ने खाने के लिए जो आवाज उठाई, उसकी गूंज अब देश के कई हिस्सों से सुनाई देने लगी है.तेजबहादुर के विरोध का समर्थन एक और जवान ने किया है. जवान दिन रात बगैर थके, बगैर रुके, बगैर किसी परेशानी के देश की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं. लेकिन कैंपों में जवानों को बदतक खाना मिलता है. बीएसएफ के पूर्व कॉन्सटेबल रविंद्र ने जवानों की हालत की सच्चाई बताई.