उत्तर प्रदेश में समाजवाद नंगा हो गया है. संवेदनहीन सपा सरकार के राज में समाजवाद मौजवाद में बदल गया है. अगर नहीं तो फिर सैफई में लोक कला संस्कृति को बढ़ावा देने के नाम पर बॉलीवुड के ठुमके पर पानी की तरह पैसा क्यों बहाया गया? ये सब ऐसा वक्त में हुआ है जब मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ित कड़ाके की ठंड में राहत शिविरों में मरने को मजबूर हैं.