संजय सिन्हा की कहानी में सुनें कैसे अच्छी नौकरी और ज्यादा तन्ख्वाह भी आदमी के लिए रिश्ते से बढ़कर नहीं है. क्या करेगा इंसान पैसों और बड़े घर का अगर उसके पास कहने को कोई अपना न हो.
sanjay sinha ki kahani of 8th september 2015 on importance of relationship in life