लिव इन रिलेशनशिप पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से संत समाज बुरी तरह ख़फ़ा है. हरिद्वार में संतों ने कहा कि आस्था से जुड़े मुद्दों पर कोर्ट को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. संतों ने ऐलान किया है कि अगर कोर्ट की टिप्पणी क़ानून की शक्ल में आई तो वे चुप नहीं बैठेंगे.