सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में जात-पात की राजनीति करने वालों की लगाम कस दी है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने साफ कर दिया है कि चुनाव में जात, धर्म और भाषा के नाम पर वोट नहीं मांगे जा सकते. ऐसा करना संविधान के खिलाफ है.