बिहार के उन दो परिवारों के लिए वक्त जैसे ठहर चुका है. गया में बेटे आदित्य को गंवाने वाली मां अपने दुखों को समेट रही है तो सीवान में मारे गए पत्रकार की पत्नी गम में बेहाल हुई जा रही है. गया से सीवान तक सिस्टम और पुलिस ने नाकामी का भरपूर उदाहण पेश किया है.