बंगला नहीं तो दिल्ली प्यासी. जी हां लड़ाई अहंकार की हो चुकी है, और ये लड़ाई दिल्ली में आने वाले पानी तक पहुंच चुकी है. एक बंगले के लिए किसानों का हुजूम पुलिस से भिड़ गया. पुलिस कोलाठियां बरसानी पड़ीं, आंसू गैस के गोले दागने पड़े. केंद्र सरकार का नोटिस बंगला खाली करवाने के लिए गया, लेकिन बगावत की आंधी, तूफान बन गई और एक बंगले के लिए पूरी दिल्ली के पानी पर कब्ज़ा कर लिया गया.