विरोध करना गलत नहीं. लेकिन विरोध के नाम पर किसी की जान लेना ना कानून की निगाहों में सही है और ना इंसानियत की कसौटी पर. फिर ग्यारह दिन के मासूम से भला किसी का क्या विरोध हो सकता है कि जम्मू-कश्मीर के पत्थर मारनेवालों ने उसकी जान ले ली.