शोपियां की घटना के बाद अब सेना पर पत्थर तानने से पहले पत्थरबाजों की रूह कांप जाएगी, लेकिन इन कहानियों को सुनने के बाद उन पत्थरबाजों के हाथ भी कांपने चाहिए. जिस भारतीय सेना के खून के प्यासे ये पत्थरबाज आज दिखते हैं, वो उसी सेना की वजह से ही जिंदा हैं. कभी पत्थरों की उछाल के इस पार रहकर देखिए, बिना उकसावे के आक्रमण सहना कैसा लगता है. गोलियों की शिकायत करने वाले कभी पत्थरों की मार झेलकर देखिए. पत्थर और गोली में सिर्फ बारूद का फर्क होता है. मुश्किल के समय में जिस सेना का दामन तलाशते हैं, कभी उस सेना के साथ खड़े होकर भी देखिए. कश्मीर को जब भी जरूरत होती है, तो यही सेना ही काम आती है. देखिए पूरा वीडियो.....