त्योहार पर आस्था और परंपरा एक बात होती है. लेकिन इस आस्था और परंपरा के नाम पर खौफनाक अंधविश्वास का खेल हर बार खेला जाता है. दीवाली के अगले दिन अन्नकूट मनाया जाता है.