पिछले 22 दिनों में तरुण तेजपाल की जिंदगी गोवा से गोवा तक में सिमट कर रह गई है. जिस गोवा में 22 दिन पहले तरुण ने सोच-विचार के लिए मंच तैयार किया था, वहीं अब वह जीवन के सबसे मुश्किल दिन गिन रहे हैं.