दुनिया भर की नजरें गेल पर थीं और खेल कर गए एविन लुइस. एक के बाद एक उन्होंने 12 छक्के जमा डाले. 191 रन के लक्ष्य को वो इस कदर बौना साबित कर देंगे, किसी ने सोचा तक नहीं था. मुकाबले को उन्होंने इतना एकतरफा बना दिया कि वेस्टइंडीज के खाते में 9 गेंद बाकी रहते ही 9 विकेट की धमाकेदार जीत दर्ज हो गई.एविन लुइस के इस बवंडर में जैसे उड़ी जा रही थी भारतीय गेंदबाजी. उनके सामने जो आया, पिट कर गया. स्पिनर हो या फिर पेसर. जो आ रहा था, रन लुटा रहा था. और लुइस थे कि जब चाहते थे, जहां चाहते थे, छक्का जमा देते थे.