कांस्टेबल अरुण जाधव एक ऐसे चश्मदीद गवाह हैं, जिन्होंने अपने तीन वरिष्ठ अफसरों को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद होते हुए देखा है. जाधव ने बताया कि उस दिन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, आपीएस अफसर अशोक काम्ते और एटीएस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर बगैर बुलेट प्रूफ जैकेट पहने आतंकियों से जंग लड़ने के लिए मैदान में कूद पड़े थे. आतंकी हमलों से संबंधित सभी वीडियो देखें