कुदरत का कहर जब टूटता है तो जिंदगी कराह उठती है. उत्तराखंड में 10 दिन पहले कुछ ऐसा ही हुआ. आसमान से आफत की बारिश हुई, मुसीबतों का पहाड़ टूटा और इस तबाही ने हजारों जिंदगियां लील ली. 10 दिन बाद भी हर जरूरतमंद तक राहत पहुंचाना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.