दिल्ली की सड़कों पर सरेआम बिक रहा है ट्रैफिक कानून. घूस के बदले ब्लूलाइन बसों को मिलती है मनमानी करने की आज़ादी. दिल्ली पुलिस की जेब में जाता है हर साल  करोड़ों रुपए.