क्या ऐसा हो सकता है कि किसी की हत्या हो जाए और कोई उस हत्या का गुनाह भी कबूल ले. पुलिस भी हत्या के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा ले और एक दिन बाद ही ये पता चले कि जिस हत्या पर इतना हंगामा था वो तो हुई ही नहीं. ऐसा ही एक वाकया मुजफ्फरनगर में हुआ.