सिविल सर्विसेज में एक ऐसा पेपर रख दिया गया, जो हिंदी वालों को नुकसान पहुंचा रहा है और अंग्रेजी वालों को फायदा. मोदी सरकार से भरोसा भी मिला, लेकिन जब बिना उनके साथ इंसाफ हुए परीक्षा के प्रवेश पत्र बंटने लगे तो छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. हंगामा हुआ, संघर्ष हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर चुप्पी नहीं तोड़ी.
UPSC language row: Govt says it won't allow injustice to aspirants