वाराणसी की होली इसलिए खास है क्योंकि यहां के मणिकर्णिका घाट पर भस्म आरती मनाने की सदियों पुरानी परंपरा है. होली के हुड़दंगी रंग अबीर के साथ साथ चिता के भस्म के साथ अनोखी होली मनाते हैं. बजते डमरू, घंट, घड़ियाल और मृदंग से काशी का माहौल ही बदला हुआ है. वाराणसी की होली का बखान सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं परदेस में भी है. तभी तो दुनिया के कई देशों से होली के दीवाने काशी पहुंचे हुए हैं. वाराणसी की भस्म होली के पीछे परंपरा की कहानी भी बड़ी रोचक है, जिसका संबंध सीधे भोलेनाथ यानी भगवान शंकर से है. आइए आपको सुनाते हैं.