नोटों के नटवरलाल के पास तो नई करेंसी का पूरा जुगाड़ है लेकिन गांव-देहात में एक बैंक पर हजारों की उम्मीदें टिकी हैं. हद तो ये कि यहां गरीबों के खाते पर भी कालेधन के इन जुगाड़बाजों की नजर होती है.