5 दशकों तक सियासी गलियारों को करीब से देखने वाले प्रणब बाबू देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर काबिज हो गए.  संसद के सेंट्रल हॉल में प्रणब मुखर्जी ने देश के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.