जाने माने कवि अशोक वाजपेयी का कहना है कि भारत ही संभवत: एकमात्र ऐसा देश है, जहां इतनी अधिक भाषाएं हैं. जरूरी है कि हम सभी भाषाओं को बचाने का प्रयास करें और भाषाओं के विषय में अधिक से अधिक जानें.