आम लोग जो हर साल रेल बजट से कुछ सुविधाओं और रियायतों की उम्मीद करते है उन्हें इस बार ममता बनर्जी से रेलवे की साफ सफाई की उम्मीदें हैं. पिछली बार तो ममता बनर्जी ने रेल किरायों में कोई फेर बदल नही किया था लेकिन इस बार लोगों को उम्मीद है कि शायद उनकी जेब पर पड़ने वाला बोझ कुछ हल्का हो.