एक ओर आम जनता महंगाई की मार से त्रस्त है, तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में कई जगह खुले में रखे गए कई टन गेहूं सड़कर बर्बाद हो रहे हैं. इसकी फिक्र किसी को भी नहीं है.