आज चीन भले ही भारत से आगे नज़र आता हो लेकिन इतिहास में एक दौर ऐसा भी था, जब चीन से बहुत सारे छात्र पढ़ने के लिए भारत आते थे और ऐसे ही छात्रों में से एक थे मशहूर खोजी यात्री ह्वेन सांग जिनका ज़िक्र आज महाबलीपुरम के संबंध में हो रहा है और जिन्हें भारत और चीन के पुराने संबंधों का एक सूत्र बताया जा रहा है. नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों में चीन के प्रसिद्ध यात्री और विद्वान ह्वेन सांग, फाह्यान और इत्सिंग भी शामिल थे. ह्वेन सांग, नालंदा के आचार्य शीलभद्र के शिष्य थे. ह्वेनसांग ने 6 साल तक नालंदा विश्व विद्यालय में रहकर कानून की पढ़ाई की थी. देखिए ये रिपोर्ट. ये भी देखें- भारत-चीन साथ आए तो करेंगे दुनिया पर एकछत्र राज, ये है फॉर्मूला
Today China may be ahead of India, but there was a time in history when many students from China used to come to India to study and one of such students was famous Investigative traveler Hiuen Tsang. Who was Hiuen Tsang and how did he came from china to study in India. Watch this video.