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कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा त्योहार 'हेरथ', जानिए इसकी खासियत और अर्थ

कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा त्योहार 'हेरथ', जानिए इसकी खासियत और अर्थ

आज महाशिवरात्रि का त्योहार है. देशभर के मंदिरों और शिवालयों में भगवान भोले के भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं. हर तरफ बम बम भोले के जयकारे लग रहे हैं. महाशिवरात्रि के लिए जम्मू कश्मीर में भी खास तैयारी की गई है. बता दें कि कश्मीरी पंडितों का यह सबसे बड़ा त्योहार होता है और देश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा इसे यहां ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है. कश्मीरी पंडित इसे 'हेरथ' के रूप में मनाते हैं. हेरथ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी अर्थ हररात्रि या शिवरात्रि होता है. बता दें कि ये त्योहार कश्मीरी पंडित मुस्लिम भाइयों के साथ मनाते है और पूजा में आने के लिए न्योता भी देते है. हेरथ हर साल 20 फरवरी को मनाया जाता है.  हेरथ को कश्मीरी संस्कृति के आंतरिक और सकारात्मक मूल्यों को संरक्षित रखने का पर्व भी माना जाता है. इसके साथ ही यह लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

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