हंसने-मुस्कुराने से इंसान का मूड अच्छा रहता है. आजकल के बिजी शेड्यूल में लोगों को इतना तनाव होता है कि मुस्कुराना भी भूल जाते हैं. इसलिए आपको गुदगुदाने के लिए हम लेकर आए हैं मजेदार वायरल चुटकुले.
टीचर- इतने दिन कहां थे, स्कूल क्यों नहीं आए?
गोलू- बर्ड फ्लू हो गया था मैम.
टीचर- पर ये तो पक्षियों को होता है इंसानों को नहीं.
गोलू- इंसान समझा ही कहां आपने...रोज तो मुर्गा बना देती हो.
टिल्लू- तुम खाली पेट होने पर कितने केले खा सकते हो?
पिल्लू (कुछ पल सोचकर कहा)- मैं 6 केले खा सकता हूं.
टिल्लू ने हंसते हुए जवाब दिया- गलत जवाब दोस्त,
पहला केला खा लेने के बाद तुम्हारा पेट खाली कहां रहेगा.
इसलिए खाली पेट होने पर तुम केवल
एक ही केला खा सकते हो.
पिल्लू घर पहुंचा और जाते ही बीवी से सवाल किया
तुम खाली पेट होने पर कितने केले खा सकती हो?
बीवी- मैं 4 केले खा सकती हूं.
पिल्लू (निराश स्वर में बोला)- अगर 6 कहती तो
एक मस्त का Jokes सुनाता तुझे.
Offline रहता हूं तो सिर्फ दाल, रोटी, नौकरी एवं परिवार की ही चिंता रहती है
Online होते ही धर्म, समाज, राजनीती, देश, विश्व और पूरे ब्रह्माण्ड की चिंताएं होने लगती हैं.
आम भारतीय नागरिक की लाइफ!
ये वो दौर है जनाब
जहां इंसान गिर जाये तो
हँसी निकल जाती है
और मोबाईल गिर जाये तो
जान निकल जाती है
दो लड़कियां बस में सीट के लिए लड़ रही थीं
कंडक्टर- अरे क्यों लड़ रही हो,
जो उम्र में सबसे बड़ी है वो बैठ जाए
फिर क्या, पूरे रास्ते दोनों खड़ी ही रहीं
लड़का- ओए पगली! हम तो दुश्मन भी शेर जैसे रखते हैं,
तू है एक कोमल कली, मुझसे पंगा जरा सोच समझ कर ले,
क्योंकि मैं एक शेर कि औलाद हूं…
लड़की- अच्छा तो एक बात बता
शेर घर पर आया था, या आंटी जंगल गयी थी…
#सोलिड वाली बेईज्जती…
एक भिखारी को 100 का नोट मिला
वो फाइव स्टार होटल में गया और भरपेट खाना खाया
1500 रुपये का बिल आया, उसने मेनेजर से कहा, पैसे तो नहीं है
मैनेजर ने पुलिस के हवाले कर दिया
भिखारी ने पुलिस को 100 का नोट दिया, और छूट गया
इसे कहते हैं...
फाइनेन्सियल मैनेजमेन्ट विदाउट एमबीए इन इंडिया
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)