Majedar Chutkule- हंसना सेहत के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. आजकल हर कोई किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है. ऐसे में हंसना एक औषधि के समान हो सकता है. यही वजह है कि रोजाना सभी को हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए. आइए साथ मिलकर नीचे दिए गए चुटकुले पढ़ते हैं और हंसते-हंसते हो जाते हैं लोटपोट.
> इतनी रिसर्च करने के बाद भी
कोई ये नहीं पता लगा पाया कि
रिश्तेदारों से चाय के लिए पूछो
तो बस "आधा कप" ही क्यों बोलते हैं?
> शर्मा जी अपने बेटे का एडमिशन कराने स्कूल गए.
बेटे का नाम था राज शर्मा.
टीचर ने लिखा दिया- राजशर्मा.
शर्मा जी ने टीचर से कहा- मैम, राज और शर्मा के बीच में स्थान है.
टीचर ने लिख दिया- राजस्थानशर्मा.
> पार्टी में दोस्तों के संग चला "जाम" का सिलसिला.
घर से फ़ोन आया, पूछा- कहां हो?
मैंने कहा "जाम" में फंसा हूं.
> टीचर ने एक बच्चे की कॉपी पर नोट लिखकर भेजा.
कृपया अपने बच्चों को नहला कर भेजा करें,
बच्चे की मां ने जवाब मे लिखा- कृपया बच्चों को पढ़ाया करें
सूंघा न करें.
> पति ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया- एक पंछी की तरह मस्त गगन में
पत्नी का कमेंट आया- धरती पर आते ही सब्जी लेकर आना
नहीं तो एक भी बाल नहीं बचेगा चमन में.
> पहला दोस्त- यार, सुन 2nd year का रिजल्ट आ गया क्या?
दूसरा दोस्त- हां आ गया और तमीज से बात कर.
पहला दोस्त- क्यों?
दूसरा दोस्त- क्योंकि अब मैं तेरा senior हूं.
> यदि बच्चा लिख नहीं पाता, तो कहते हैं "काला अक्षर भैंस बराबर"
तो क्या दूसरे जानवर पोस्ट ग्रेजुएट हैं ??
यदि कोई गलती करे तो लोग कहते हैं "गई भैंस पानी में"
अजी हमने क्या बिगाड़ा है ? गलती कोई दूसरा करे और बदनामी हम जानवरों की क्यों होती है.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)