हंसने-मुस्कुराने से मांइड और मूड दोनों ही फ्रेश रहते हैं. आजकल के बिजी शेड्यूल में लोग मुस्कुराना भी भूल जाते हैं. आपको गुदगुदाने के लिए हम लेकर आए हैं मजेदार वायरल चुटकुले. जिन्हें पढ़कर आपकी हंसी कंट्रोल नहीं होगी.
> टीटू बिजली की दुकान पर गया और,
दुकानदार से बोला- एक काला बल्ब देना.
दुकानदार- भाई साहब, काले बल्ब का क्या करोगे?
टीटू- यार, दोपहर को अंधेरा करके सोना है.
> लड़की- भैया जी, कोई स्टाइलिश साड़ी दिखाओ
दुकानदार- ये लो मैडम बनारसी साड़ी है.
लड़की- वाओ कितने की है ?
दुकानदार- 2 हजार की
लड़की - भैया सही-सही पैसे लगाओ
मैं तो हर बार आपकी ही दुकान से ले जाती हूं.
दुकानदार- कुछ तो रहम करो मैडम
ये दुकान कल ही नई खुली है.
> टीचर- ताजमहल किसने बनाया?
रमेश- जी, कारीगर ने.
टीचर- मेरा मतलब, बनवाया किसने था ?
रमेश- जी, ठेकेदार ने.
> चीकू- अरे ये लोग बार-बार बॉल को लात क्यों मार रहे हैं?
मीकू- अरे वे सभी गोल कर रहे हैं .
चीकू- बॉल तो पहले से गोल है,और कितना गोल करेंगे.
> टोनी- डॉक्टर साहब दस्त ने बेहाल कर रखा है.
डॉक्टर-कितना पतला आता है? किस लेवल की बीमारी है?
टोनी- समझ लो कि आप उस से कुल्ला कर सकते हो.
डॉक्टर बेहोश!
> पंडित जी- विवाह क्या है?
मौंटी- विवाह एक ऐसा गठबंधन है,
जिसमें 2 लोग मिलकर उन समस्याओं को सुलझाने का जीवन भर प्रयास करते हैं.
जो पहले कभी थी हीं नहीं.
> बेटा- मां जब दिवाली आएगी तो पटाखे इस दुकान से लूंगा.
मां- चांटा मारते हुए कहा पटाखों की दुकान नहीं, यह लड़कियों का हॉस्टल है.
लड़का- मुझे क्या पता,
एक दिन पापा कह रहे थे कि यहां एक से एक धांसू पटाखे हैं.
घर जाकर पापा पर भड़कीं मम्मी.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)