आजकल हर कोई किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है. ऐसे में हंसना एक औषधि के समान हो सकता है. यही वजह है कि रोजाना सभी को हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए. फिर भी अगर आप हंसने से चूक रहे हैं तो यह गलत है, लेकिन हम आपको ऐसा करने नहीं देंगें. आइए साथ मिलकर नीचे दिए गए चुटकुले पढ़ते है और हंसते-हंसते हो जाते हैं लोटपोट.
शौंटी उदास बैठा था...
मौंटी- क्या हुआ, उदास क्यों बैठा है?
शौंटी- क्या बताऊं यार, किसी ने कहा कि पेड़ से हमें 'शीतल छाया' मिलती है.
मैं यहां पेड़ के नीचे तीन दिन से बैठा हूं,
लेकिन न तो शीतल आयी और न छाया.
टीचर- कभी किसी लड़की को प्रपोज किया है?
गटरू- नहीं सर, हम तो गणित के स्टूडेंट हैं.
टीचर- मतलब?
गटरू- मतलब हम प्रपोज नहीं सिर्फ सपोज करते हैं.
हमने सपोज किया है - माना कि वो मेरी है.
पती- सुनती हो, आपका बेटा आजकल कुछ ज्यादा ही पैसे
उड़ाने लगा है, जहां भी छुपाता हूं ढूंढ लेता है.
पत्नी- उस नालायक की किताबों मे छुपाया करो,
परीक्षा तक तो ढूंढ ही नहीं पाएगा.
टिल्लू गुल्लू रात को सड़क पर घूम रहे थे.
टिल्लू- बहुत गर्मी है यार...
गुल्लू- हां, दिन होता तो कहीं
छांव में बैठ जाते.
मरने से पहले पति अपने पत्नी से कहकर गया मैं मर रहा हूं,
अब सीधा स्वर्ग में मिलेंगे.
बस उसी दिन से पत्नी दारू पीने लग गई,
कुल मिलाकर दुनिया के सारे बुरे काम करने लगी.
कुछ भी हो जाए, स्वर्ग नहीं जाना है... मतलब
नहीं जाना है.
बच्चा- पापा, जैसे आप मुझे मारते हो
क्या दादाजी भी आपको मारते थे?
पिता- हां बेटा.
बच्चा- तो ये खानदानी गुंडागर्दी कब तक चलेगी.
एग्जाम हॉल में मिंकू चुपचाप बैठा था.
टीचर- तुम कुछ लिख क्यों नहीं रहे?
मिंकू- कुछ आ ही नहीं रहा.
टीचर- अरे कुछ तो आ ही रहा होगा.
मिंकू- हां.
टीचर- क्या?
मिंकू- रोना.
नितिन ने एक लड़की से कहा- मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं.
लड़की- पर मैं तुमसे बड़ी हूं.
पूरे एक साल बड़ी हूं.
नितिन- कोई बात नहीं.
मैं एक साल बाद शादी कर लूंगा.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... ... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है.)