जीवन में तनाव से दूर रहने के लिए हंसना और मुस्कुराना बहुत जरूरी है. काम-काज के बोझ में कई बार कुछ चुटकुलों की लाइनें आपको हंसने पर मजबूर कर देती हैं, जिससे आपका माइंड और मूड दोनों फ्रेश हो जाते हैं. आइए पढ़ते हैं सोशल मीडिया पर वायरल जोक्स.
> पत्नी- क्या आप मेरे लिए चूहे को मारकर ला सकते हो?
पति- नो जी, कुछ और बताओ, मैं तुम्हारे लिए और कुछ भी कर सकता हूं.
पत्नी- क्या मैं तुम्हारा फेसबुक/व्हाट्सऐप चेक कर सकती हूं?
पति- कहां है वो चूहा जिसके बारे में तुम बात कर रहीं थीं?
> टीटू- अपने पड़ोसी दोस्त शौंटी से बोला- आज सुबह तुम्हारे कुत्ते ने मेरी किताब फाड़ दी.
शौंटी- मैं उसे अभी सजा देता हूं.
टीटू- रहने दे भाई, मैंने सजा दे दी है.
शौंटी- चौंकते हुए, कैसे?
टीटू- मैंने उसके कटोरे का दूध पी लिया.
> नौकर- सेठ जी मैंने आपको जलते मकान से निकालकर जलने से बचाया था,
इसलिए 100 रुपये दीजिए.
मालिक- यह लो 50 रुपये.
नौकर- पचास ही क्यों?
मालिक- क्योंकि उस वक्त मैं अधमरा था.
> पुरुष- क्यों बेटे, तुम किस खानदान से हो.
लड़का- जानवरों के खानदान से.
पुरुष- मतलब?
लड़का- जी मेरे पिता जी मुझे गधा कहते हैं, मम्मी कुत्ता कहती हैं,
बहन मुझे बन्दर कहकर चिढ़ाती है, टीचर मुझे सूअर.
> दारोगा - तुमने हवलदार की जेब में माचिस क्यों जलाई?
टीटू - सर, हवलदार साहब ने कहा था, अगर जेल नहीं जाना चाहता तो जेब गर्म कर,
मैंने माचिस जला दी.
> मरीज- मुझे अपनी आंखों के सामने धब्बे से दिखाई देते हैं.
डॉक्टर- क्या नए चश्मे से कोई फायदा नहीं हुआ ?
मरीज- हां हुआ है, अब वो धब्बे ज्यादा साफ दिखाई देते हैं.
> किसी शादी में पंडित जी ने दूल्हे का हाथ दुल्हन के हाथ में थमा दिया.
एक बच्चा ये देख रहा था,
उसने अपने पिता से पूछा -पिताजी दूल्हा और दुल्हन आपस में हाथ क्यों मिला रहे हैं?
पिता ने उत्तर दिया - बेटा, पहलवान अखाड़े में उतरने से पहले हाथ जरूर मिलाते हैं.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)