Jokes: चुट्कुले हमारी जिंदगी में जिंदादिली और गर्माहट घोलते हैं. इससे न सिर्फ आसपास की फिजा खुशनुमा बनती है, बल्कि हम बेहतर मानसिक, शारीरिक, सामाजिक जीवन जीने में भी सक्षम होते हैं. इसीलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे...
आधार कार्ड का ऑफिस बंद था
कार्ड बनवाने के लिए लम्बी लाइन लगी हुई थी,
एक आदमी बार बार लाइन में आगे जाने की कोशिश कर रहा था,
लोग बार उसे पीछे पकड़ कर खीच देते थे,
उसने 4-5 बार कोशिश की,
फिर हारकर वह बोला, लगे रहो लाइन में सालो,
आज ऑफिस ही नहीं खोलूंगा.
पति- मुझे अपनी बीवी से तलाक
चाहिए वह बर्तन फेंक कर मारती है.
जज- अभी भी मार रही है या पहले से
पति- 5 साल पहले से
जज- तो इतने साल बाद तलाक क्यों?
पति- क्योंकि अब उसका निशाना
पक्का हो गया है.
पिता- पढ़ ले नालायक, कभी तूने अपनी कोई बुक खोलकर भी देखी है.
बेटा- हां पापा देखी है, बल्कि रोज देखता हूं उसे.
पिता- कौन सी बुक पढऩे लगा है तू?
बेटा- फेसबुक
ट्रेन में लिखा था, 'बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री होशियार.
उसी ट्रेन में चिंटू भी जा रहा था.
उसने ये लाइन पढ़ी और बोला- वाह, जो टिकट न खरीदें वो होशियार
हमने जो खरीद के रखी है तो हम बेवकूफ हैं क्या?
पत्नी ने पति को एक जोर का तमाचा मारा....
पति तिलमिला उठा और पूछा -
मैंने क्या गलती की...?
पत्नी - तुम कोई गलती करो, उसके लिए मैं
इंतजार थोड़े ही करती रहूंगी....
पति बालकनी में खड़ा-खड़ा मस्ती से गा रहा था....
'पंछी बनूं उड़ता फिरूं मस्त गगन में...
आज मैं आजाद हूं दुनिया के चमन में'
रसोई में से बीवी की आवाज आई -
घर में ही उड़ो, सामने वाली मायके गई है...!
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल नहीं है).