Jokes: चिंता के विचार आपकी ख़ुशी को बर्बाद कर सकते हैं और आपको बीमार कर सकते है. ऐसे में संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है कि आप खुश रहें. सही समय पर सटीक जोक्स से आप बेरंग माहौल में भी रंग घोल देते हैं. इसीलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे. तो चलिए शुरू करते हैं हंसने-हंसाने का ये सिलसिला...
पत्नी - चल तो रहे हो,
मायके लड़ना मत
वो मेरे पापा का घर है।
पति (झुंझलाकर) - तो मेरे पापा का घर क्या कुरुक्षेत्र है, जो रोज यहां महाभारत करती हो...
पत्नी - सूजी के हलवे में चीनी कम है...
पति - लेकिन ये तो उपमा बनाया था मैंने...
पत्नी - अच्छा, फिर नमक ज्यादा है उपमा में...
पति बेहोश...!
दादी और पोता आपस में बात करते हुए...
दादी- लगता है उस लड़की को लकवा हो गया है. देख कैसे उसका एक हाथ ऊपर हो रहा है और मुंह पिचका सा हो गया है.
पोता- दादी लकवा नहीं, वह सेल्फी ले रही है...
जज- तुमने हवलदार की जेब में माचिस क्यों जलाई?
रमेश- सर, हवालदार साहब ने कहा था, जमानत चाहिए, तो जेब गर्म कर,
मैंने माचिस जला दी.
वैलेंटाइन डे के 7 दिन पहले गिफ्ट शॉप पर वकील साहब गए.....
उन्होंने 40 खूबसूरत कार्ड ख़रीदे और सब पर उन्होंने लिखा, हैलो माय डियर, पहचान गए ना?
शाम को मिलो, आई लव यू
दुकानदार- ये क्या मामला है?
वकील साहब- पिछले वैलेंटाइन डे पर आस पास कॉलोनी में ऐसे ही 20 कार्ड भेजे थे।
कुछ ही दिन में तलाक के चार केस मिल गए थे, इस बार 40 कार्ड भेज रहा हूं दुकानदार के उड़े होश!
मंदिर में पूजा करते समय गांव की एक लालची महिला भगवान से बोली...
भगवान, तेरे लिए एक सेकंड कितने सालों के बराबर है?
भगवान बोले- करोड़ों साल के बराबर
फिर महिला बोली-और करोंड़ो रुपये कितने बराबर होते हैं?
भगवान बोले- रत्ती बराबर
लालच से महिला बोली- एक रत्ती मुझे भी दे दीजिए
भगवान बोले- एक सेकंड मंदिर में ही रूको, लाकर देता हूं।
कसाई बकरे को लेकर काटने जा रहा था, बकरा मैं-मैं चिल्ला रहा था।
तभी एक बच्चे ने पूछा- आपका बकरा क्यों चिल्ला रहा है ?
कसाई- मैं इसे काटने ले जा रहा हूं, इसलिए।
बच्चा- मैने सोचा स्कूल ले जा रहे होंगे !!!
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल नहीं है).