टीचर- भारत में कुल 22546464372 लोग
आलसी हैं.
इनमें से कुछ तो इतने
आलसी हैं कि
उन्होंने अभी ऊपर लिखी संख्या भी
नहीं पढ़ी...
बस-बस, अब मत पढ़ों तुम सब की गिनती
इसमें हो गयी है.
बच्चें शॉक.
शौंटी ने अमरुद लिए तो उसमें
से कीड़ा निकला.
शौंटी अमरूद वाले से- इसमें
तो कीड़ा है.
अमरुद वाला- ये किस्मत की बात है.
क्या पता अगली बार मोटरसाइकिल निकल जाए
शौंटी- 2 किलो और दे दो.
टीटू-आपकी बीवी दिखाई नहीं दे
रही हैं ?
बॉस- नहीं मैं उसे पार्टी में नहीं
लाता !
टीटू- क्यों सर?
बॉस- वो गॉव की हैं ना !
टीटू- ओह, माफ करना
मुझे लगा केवल आपकी हैं.
ग्राहक- तुम्हारी भैंस की एक आंख
खराब है, फिर भी तुम
इसके 25000 मांग रहे हो.
आदमी- तुम्हें भैंस दूध के लिए चाहिए या
नैन मटक्का के लिए चाहिए?
परीक्षा में
प्रश्न पूछा गया- “माल्यार्पण करने” का अर्थ बताओ ?
छात्र ने लिखा-
सरकारी बैंकों द्वारा गरीब जनता की
गाढ़ी कमाई माल्या को अर्पण
करने को ही माल्यार्पण कहते हैं.
बच्चा सीधे MBA
के लिये सेलेक्ट हो गया.
पहला दोस्त-
यार, मेरी बीवी गुस्सा बहुत करती है.
दूसरा दोस्त-
मेरी भी पहले करती थी, अब नहीं करती.
पहला दोस्त- तुमने क्या इलाज किया ?
दूसरा दोस्त-
एक दिन गुस्से में थी, मैंने कह दिया कि
बुढ़ापे में गुस्सा आ ही जाता है.
एक कड़वा सच-
जब कन्या अपने, पिता के घर होती है,
रानी बन के रहती है.
पहली बार ससुराल जाती है,लक्ष्मी बनकर जाती है.
और ससुराल में काम करते-करते
बाई बन जाती है,
इस तरह लडकियां "रानी-लक्ष्मी-बाईं"
बन जाती है.
और फिर वो पति को अंग्रेज समझ कर बिना
तलवार के ही इतना परेशान कर देती है कि
बेचारा वो पति, अंग्रेज न हो कर भी
“अंग्रेजी” लेना शुरू कर देता है.
जापान मे 2 भाई रहते थे,
एक का नाम "जो" था.
दुसरे का नाम "वो" था.
एक रात "जो" को बाथरूम मे भूत दिखा.
"जो" डर गया और उसने "वो" को आवाज लगाई.
"वो" दौड़ते हुए बाथरूम मे आया और भूत को
देखते ही उसका हार्ट फेल हो गया. और "वो"
मर गया.
बस उसी दिन से कहावत हो गई.
"जो" डर गया.
"वो" मर गया.
लड़का- तू व्हाट्सएप्प पर है क्या ???
लड़की- नहीं मैं तो मेरे घर हूं.
लड़का- मेरा मतलब है, व्हाट्सएप्प
यूज करती है क्या ?
लड़की- नही मैं तो गोरी होने के लिए
क्रीम यूज करती हूं.
लड़का- अरे पगली! व्हाट्सएप्प
चलाती है क्या ???
लड़की- नहीं पगले! मेरे पास साइकिल
है वहीं चलाती हूं.
लड़का- मेरी मां! व्हाट्सएप्प चलाना
आता है क्या ?
लड़की- तू चला लेना! मैं पीछे बैठ
जाऊंगी?