> एक युग था जब लोग अपने घर के दरवाजे पर लिखते थे – अतिथि देवो भव,
फिर लिखा- शुभ लाभ,
फिर लिखा- यू आर वेलकम,
और अब- कुत्तों से सावधान.
> पिताजी- बेटा, मेरे लिए 1 गिलास पानी लाना,
पहला लड़का- नहीं लाऊंगा,
दूसरा लड़का- रहने दो पापा, ये तो है ही बद्तमीज़
आप खुद ले लो, और मेरे लिए भी 1 गिलास ले आना.
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> लड़का- यार, मुझे उस लड़की से बचाओ,
दोस्त- क्यों?
लड़का- जब से मैंने कह दिया है दिल चीर के देख तेरा ही नाम होगा,
ये बावली ‘चाकू’ लेकर पीछे पड़ गई है.
> भोलू शराब पीते-पीते रोने लगा.
दोस्त- क्या हुआ, क्यों रो रहे हो?
भोलू- यार जिस लड़की को भुलाने के लिए पी रहा था,
उसका नाम याद नहीं आ रहा.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... ... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है.)