>पिता- अगर तुम इस बार भी फेल हो गए तो मुझे पापा मत कहना....
कुछ दिन बाद...
पिता- तुम्हारे रिजल्ट का क्या रहा चिंटू...
चिंटू- दिमाग खराब मत करो रमेश...तुम अपने बाप होने का हक खो चुके हो.
दे जूते.....दे चप्पल.....दे जूते.
> डॉक्टर- जब तुम तनाव में होते हो तो क्या करते हो?
मरीज- जी, मंदिर चला जाता हूं...
डॉक्टर- बहुत बढ़िया, ध्यान लगाते हो वहां?
मरीज- जी नहीं, लोगों के जूते चप्पल मिक्स कर देता हूं, फिर उन लोगों को देखता रहता हूं...
उनको तनाव में देख कर मेरा तनाव दूर हो जाता है.
> सोनू जलेबी बेच रहा था, लेकिन कह रहा था
आलू ले लो, आलू ले लो...
राहगीर- लेकिन ये तो जलेबी है
सोनू- चुप हो जा! वरना मक्खियां आ जाएंगी.
> चिंटू की भाभी काजू खा रही थीं.
चिंटू प्यार से बोला- भाभी जी, जरा मुझे भी टेस्ट करा दो.
भाभी ने एक काजू चिंटू के हाथ में रख दिया और बाकि खुद खाने लगीं.
चिंटू- बस एक ही काजू?
भाभी ने गुस्से में कहा- हां, बाकि सबका स्वाद भी ऐसा ही है.
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> टीटू- तुम्हारी आंख क्यों सूजी हुई है?
शौंटी- कल मैं अपनी पत्नी के जन्मदिन पर केक लेकर गया था.
टीटू- लेकिन इसका आंख सूजने से क्या संबंध है?
शौंटी मेरी पत्नी का नाम तपस्या है.
लेकिन केक वाले बेवकूफ दुकानदार ने लिख दिया
“Happy Birthday समस्या”.
> संजू अपनी गर्लफ्रेंड के पिता से मिलने गया..
लड़की का पिता- मैं नहीं चाहता कि मेरी बेटी
अपनी पूरी जिंदगी एक मूर्ख इंसान के साथ गुज़ारे..
संजू- बस अंकल,
इसीलिए तो मैं उसे यहां से ले जाने आया हूं.
दे जूते..दे चप्पल.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)